सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी https://shivchalisas.com