जब भी बैठता हूं अकेले में, मां की यादें रुला देती हैं, आज भी जब नींद नहीं आती, तो उसकी लोरिया मुझे सुला देती हैं। सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। एक यह दुनिया है जो हजार बार समझाने पर भी नहीं समझती, और एक दुर्गा मां है, जो बिन https://sites.google.com/view/navratrishayari/